भोपाल। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हम सभी को जीवन जीने की राह सीखनी चाहिए। जन्म के पूर्व माता-पिता का जेल में होना, भाई-बहनों की हत्या होना, जन्म के बाद ही उफनती जमुना नदी पार करना, मां के आंचल से दूर हो जाना जैसी विषम परिस्थितियों में भी भगवान श्रीकृष्ण ने विश्व के सामने पूरे सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जीने का उदाहरण रखा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लखनऊ के गुदौरा मैदान में यादव महाकुंभ को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, कि सनातन संस्कृति में भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण ने मर्यादा के अंदर जीवन जीना सिखाया है। हम सभी को उनके द्वारा स्थापित उच्च आदर्शों का अपने जीवन में पालन करना चाहिए।
भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में आई हर मुसीबत और परीक्षा का निडर होकर सामना किया और सफल हुए। भगवान ने अपने जीवन काल में लगातार संघर्ष करते हुए समाज को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है। भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद् भागवत गीता के माध्यम से पूरे विश्व में धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यादव समाज के सभी बंधुओं और उत्तरप्रदेश के आमजनों को मध्यप्रदेश आने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा, कि प्रदेश में स्थित भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित सभी स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन, रुक्मिणी हरण स्थल अमझेरा, भगवान श्रीकृष्ण की रजोभूमि बदनावर और भगवान श्रीकृष्ण एवं सुदामा का मैत्री स्थल स्वर्णगिरि पर्वत के साथ भगवान श्रीराम की पवित्र नगरी चित्रकूट को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने शाल और श्रीकृष्ण जी की प्रतिमा भेंट कर स्वागत किया। यादव समाज की ओर से प्रतिनिधियों ने बड़ी पुष्प माला पहनाकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यादव महाकुंभ में देश और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए सामाजिक बंधुओ का हृदय से आभार व्यक्त किया।
उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री पाठक, राजेश्वरानंद महाराज, यादव महासभा के उपाध्यक्ष और प्रदेश के समाज के अध्यक्ष जगदीश यादव, महेंद्रसिंह यादव, श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुख्य पक्षकार प्रशांत राव और मनीष यादव सहित बड़ी संख्या में यादव समाज के प्रतिनिधि, सदस्य और आमजन उपस्थित रहे।
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