– भगवान राम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक पूरे प्रसंगों पर बच्चों ने दी सुंदर प्रस्तुति
– राम परिवार के रूप में सज-धजकर आए छोटे-छोटे बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे
देवास। केसरी के लाल मेरा छोटा सा कर दो ये काम…, बोलो बजरंग बली की जय…, मेरी चौखट पर आज चारों धाम आए हैं…, रामजी की निकली सवारी रामजी की लीला है न्यारी… के भजनों पर छोटे-छोटे बच्चों ने बहुत ही सुंदर प्रस्तुतियां दीं। अवसर था सतपुड़ा के अयोध्या धाम में रघुवंशम के आयोजन का। यहां पर बच्चों ने रघुवंशम के माध्यम से मर्यादा पुरुषाेत्तम भगवान राम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक पूरे प्रसंगों का सजीव चित्रण किया।
बच्चों ने गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। रघुवंशम में राजा दशरथ के पूरे परिवार को भी दर्शाया गया। भगवान राम के जन्म पर बधाइयां गाई गई और सबके राम सबमें राम…, जयश्री राम के जयकारे लगाए गए। बच्चों की प्रस्तुति पर उपस्थित अभिभावकों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। भगवान श्रीराम की शिक्षा, स्वयंवर, वनवास पर बच्चों ने भाव-विभोर कर देने वाली प्रस्तुति दी। भाई-भाई के प्रेम पर आधारित भरत मिलाप की प्रस्तुति से दर्शाया कि भरत त्याग, धैर्य, ईश्वर प्रेम का दूसरा रूप है। इसके साथ ही सीता हरण, राम-शबरी प्रसंग, रावण वध, अयोध्या आगमन, राज्याभिषेक आदि प्रसंगों की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर सतपुड़ा एकेडमी के अयोध्या परिसर को भगवा पताका, तोरणद्वार, आकर्षक रंगोली एवं फूलों से सजाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सोनकच्छ विधायक राजेश सोनकर, विशेष अतिथि देवास विकास प्राधिकरण अध्यक्ष राजेश यादव थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने की। वैभव विहार शिक्षा समिति अध्यक्ष रायसिंह सैंधव विशेष रूप से उपस्थित थे। अतिथियों ने मां सरस्वती, भारत माता, भगवान श्रीराम एवं भगवा ध्वज का विधिवत पूजन-अर्चन कर दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक श्री सोनकर ने संबोधित करते हुए कहा, कि सतपुड़ा एकेडमी शिक्षा के साथ-साथ संस्कार-संस्कृति पर जोर दे रही है। इस प्रकार के आयोजन से छोटे-छोटे बच्चों में संस्कार के भाव जाग्रत होते हैं। जिन बच्चों ने यहां प्रवेश लिया है, वे बच्चे यहां श्रेष्ठ शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ संस्कार एवं अनुशासन का पाठ पढ़कर उच्च पदों पर आसीन होंगे। ये बच्चे ही संस्था, समाज एवं अपने परिवार का नाम रोशन करेंगे।
देविप्रा के अध्यक्ष श्री यादव ने कहा, कि छोटे-छोटे बच्चाें ने रामजी के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक की प्रस्तुति दी, वह प्रशंसनीय है। शिक्षा से ही बच्चे संस्कारवान बनते हैं। सतपुड़ा एकेडमी शिक्षा के साथ ही बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का जो प्रयास कर रही है, वह अनुकरणीय है। इस प्रकार की शिक्षा से बच्चों में संस्कार एवं देशभक्ति जाग्रत होती है।
अतिथियों का स्वागत संस्था संचालक भानूप्रतापसिंह सैंधव, प्राचार्य अमित तिवारी ने पुष्पगुच्छ, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यार्थी विधि भटनागर, तृप्ति पटेल, मानवी परमार एवं आदित्य झोराड़ ने किया। आभार संस्था संचालक श्री सैंधव ने माना। इस अवसर पर अभिभावकों के साथ ही बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। यह जानकारी मीडिया प्रभारी दिनेश सांखला ने दी।
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