स्वर्ण प्राश: बच्चों में बढ़ाता है रोग प्रतिरोधक क्षमता

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– अमलतास अस्पताल में बच्चों को निशुल्क सेवन करवाई जा रही महंगी औषधि
– बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करना ही हमारा मुख्य उद्देश्य- चेयरमैन श्री भदौरिया
देवास। अमलतास अस्पताल परिसर में स्थित आयुर्वेदिक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धति से बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए विशेष प्रयास कर रहा है। बढ़ती उम्र के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता शारीरिक विकास के लिए मुख्य भूमिका निभाती है। बच्चों में शारीरिक, मानसिक विकास एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए अमलतास अस्पताल में हर पुष्य नक्षत्र पर बगैर किसी शुल्क के स्वर्ण प्राश का सेवन बच्चों को करवाया जा रहा है। सेवा का यह कार्य समर्पित चिकित्सकों एवं स्टाफ की देखरेख में हो रहा है।
आयुर्वेद में स्वर्ण प्राश के लाभ बताए गए हैं। यह बच्चों में रोग प्रतिरोग क्षमता को बढ़ाता है। शारीरिक एवं मानसिक विकास में मदद करता है। एकाग्रता को बढ़ाता है, उन्हें श्वसन संबंधी रोगाें से बचाता है। इसके अतिरिक्त भी कई तरह के लाभ स्वर्ण प्राश के है। अस्पताल प्रबंधन ने बच्चों का रिकॉर्ड रखने के लिए स्वर्ण प्राश कार्ड बनाए हैं। इस कार्ड में हर माह के पुष्य नक्षत्र की जानकारी दी गई है। यह जानकारी भी होती है, कि बच्चे को कितनी बार स्वर्ण प्राश दिया गया है। अब तक 5 हजार कार्ड बनाए गए हैं। अधिक से अधिक बच्चों को स्वर्ण प्राश का सेवन करवाने के लिए शासकीय एवं प्राइवेट स्कूलों में शिविर लगाए जा रहे हैं। इन शिविरों के माध्यम से 2168 बच्चों को स्वर्ण प्राश का सेवन करवाया जा चुका है। यह औषधि पुष्यनक्षत्र में ही सेवन करवाई जाती है, इसलिए इसी दिन शिविर भी लगाए जाते हैं।

पुष्य नक्षत्र पर स्वर्ण औषधि के गुणों में होती है वृद्धि-
अमलतास के आयुर्वेदिक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की प्रिंसिपल डॉ. अनीता सुरेशराव घोडके का कहना है स्वर्ण प्राश को विशेषकर पुष्य नक्षत्र में सेवन किया जाता है। इस नक्षत्र पर स्वर्ण औषधि के गुणों में वृद्धि होती है। अमलतास अस्पताल की ओर से हम बच्चों को निशुल्क औषधि का सेवन करवा रहे हैं। स्वर्ण प्राश किसी भी प्रकार से हानिकारक नहीं है। इसमें वे औषधियां होती हैं, जिन्हें हम घर में भी उपयोग लाते हैं। पांच साल से 16 साल तक के बच्चों को एक से दाे बूंद दी जाती है। पेरेंट्स को चाहिए कि वे प्रत्येक पुष्य नक्षत्र पर सुबह नौ से शाम चार बजे तक अमलतास अस्पताल में आकर शिविर का लाभ उठाएं।

सालभर तक करवाएं बच्चों को सेवन-
मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुमीत तिवारी एवं डीएमएस डॉ. हेमंतसिंह चौहान का कहना है, कि स्वर्ण प्राश का सेवन करवाने के लिए पुष्य नक्षत्र पर हमने शिविर लगाए हैं। अब तक बड़ी संख्या में बच्चों ने इस औषधि का सेवन किया है। यह आयुर्वेदिक औषधि है। इसमें बच्चों को बीमारी से बचाव के गुण है। बच्चों को सालभर तक इस औषधि का सेवन करवाना चाहिए।

उम्दा क्वालिटी की स्वर्ण भस्म का उपयोग- स्वर्ण प्राश निशुल्क सेवन करवाने का हमारा उद्देश्य प्रत्येक बच्चे के स्वास्थ्य का रक्षण करना है। बच्चों के विकास के लिए यह औषधि बहुत उपयोगी है। अस्पताल में यह महंगी औषधि निशुल्क सेवन करवाई जा रही है। औषधि में जिस स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जाता है, वह उम्दा क्वालिटी की है। सभी पेरेंट्स को इसका लाभ उठाना चाहिए। – मयंकराजसिंह भदौरिया, चेयरमैन, अमलतास हॉस्पिटल

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