बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने से पहले जीवित रखने के लिए प्रयोग करते हैं तकनीक का
देवास। राष्ट्रीय सीपीआर दिवस के उपलक्ष्य में अमलतास इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सीपीआर की ट्रेनिंग दी गई।
डॉ. सोनाली अग्रवाल एवं पीजी रेसीडेंट्स टीम ने सीपीआर सही तरीके से करने की प्रक्रिया को समझाया। बताया, कि सीपीआर एक ऐसी तकनीक है, जिसका उपयोग बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने से पहले जीवित रखने के लिए हृदय की मांसपेशियों पर दबाव डालने के लिए किया जाता है। कार्यक्रम में अमलतास कॉलेज के डीन डॉ. शरदचंद्र वानखेड़े, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके पिठवा एवं 300 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।अमलतास कॉलेज के चेयरमैन मयंकराजसिंह भदौरिया ने बताया, कि कॉर्डीयोपल्मोनरी रिससिटेशन अवेयरनेस प्रशिक्षण का उद्देश्य सभी स्वास्थ्यकर्मियों को बेसिक लाइप सपोर्ट, एडवांस लाइफ सपोर्ट और आटोमेटेड एक्सटर्नलडिफीब्रिलेटर डिवाइस के प्रयोग की जानकारी देना है। साथ ही कार्डियक अरेस्ट यानी हृदय गति रुक जाने पर तत्काल चिकित्सा सहायता देने के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। आगे भी इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को संभाग के चारों जिलों तक पहुंचाने के लिए अमलतास द्वारा जन जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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