– मप्रपक्षेविविकं क्षेत्र में 425 कार्यालयों के माध्यम से तैयारी
– कंपनी क्षेत्र में 50 हजार नोटिस देने का कार्य प्रारंभ
– पचास हजार तक के प्रकरणों पर नियमानुसार प्रदान करेंगे छूट
इंदौर। नेशनल लोक अदालत 9 दिसंबर शनिवार को आयोजित होगी। इस वर्ष की अंतिम इस महत्वपूर्ण लोक अदालत के आयोजन की मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के तत्वावधान में तैयारी जारी है।
मालवा और निमाड़ में 44 स्थानों (न्यायालयों) पर आयोजित होने वाली लोक अदालत में हजारों प्रकरणों के समाधान के लिए सघनतम प्रयास हो रहे हैं। लोक अदालत में प्री लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों की सिविल दायित्व मूल राशि पर तीस फीसदी तक छूट दी जाएगी, ब्याज में शत- प्रतिशत छूट मिलेगी। छूट 50 हजार तक के सिविल दायित्व के प्रकरणों पर ही प्रदान की जाएगी। कंपनी स्तर पर 50 हजार से ज्यादा नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर के निर्देशानुसार बिजली वितरण कंपनी क्षेत्र के 425 जोन, वितरण केंद्रों, कार्यालयों के माध्यम से लोक अदालत की सफलता के लिए तैयारी जारी है। लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में समझौता किया जाएगा। प्री लिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिए निम्नदाब श्रेणी के पात्र घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट मिलेगी।
मुख्य सतर्कता अधिकारी आरके आर्या ने बताया कि प्री लिटिगेशन स्तर सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व, अपराध शमन राशि एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग पहली बार किए जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। यदि आवेदक के अन्य कोई कनेक्शन भी है, तो वहां की राशि पूर्ण जमा होना चाहिए। लोक अदालत के लिए कंपनी स्तर पर 50 हजार से ज्यादा नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इंदौर जिले में करीब 10 हजार एवं उज्जैन जिले में करीब 5.50 हजार, देवास जिले में 4 हजार 600, बड़वानी जिले में 4 हजार 400 नोटिस जारी हो रहे हैं। अन्य जिलों में नोटिसों की संख्या 300 से तीन हजार तक हैं।
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