बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। वर्ष में 15 से 20 दिन ऐसे आते हैं, जब अत्यधिक शीतलहर और बर्फीली हवा चलती है। यह स्थिति 30 दिन की भी हो सकती है। ऐसे में दुधारू पशु सहित पालतु पशुओं को ठंड से बचाने के लिए विशेष प्रबंध करना चाहिए।
कृषक चौपाल पर दुग्ध उत्पादक किसानों को समझाते हुए यह बात पशु चिकित्सा विकासखंड अधिकारी डॉ. विजय शर्मा ने कही। उन्होंने कहा, कि दुधारू पशुओं को खान-पान में गेहूं का सूखा भूसा एवं मक्का, ज्वार, बाजरा आदि सूखे अनाज से बना बांटा देना चाहिए, जिससे उनके शरीर में गर्मी बनी रहती है। सर्दी से बचाने के लिए नजदीकी पशु चिकित्सा विभाग जाकर टीकाकरण भी करवाना चाहिए। टीकाकरण से पशुओं के शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है। पशुओं में बीमारी के लक्षण दिखते ही टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करके तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए। ऐसा करने से पशुधन की रक्षा भी होती है और दुग्ध उत्पादन भी उचित रहता है वरना ठंड के दिनों में दूध घटने की संभावना बन जाती है। उन्होंने कहा, कि पशुओं को देर रात तक खुले में नहीं छोड़ना चाहिए। साथ ही उनको बांधने वाले स्थान को आसपास से बरसाती और अन्य साधनों से पैक कर देना चाहिए, ताकि ठंडी हवा नहीं लगे। उनके खाने में पौषक तत्व जरूर शामिल करना चाहिए। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा विटामिन एवं वसा शामिल रहे। बाजार में गोलियां भी मिलती है, उनका उपयोग करना चाहिए।
कार्यशाला में खंड चिकित्सा अधिकारी भारती शर्मा, सहायक चिकित्सक अनिल योगी, समता सोरठ आदि ने भी पशुओं की देखभाल के विषय में जानकारी दी।
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