जिले को एनीमिया व कुपोषण मुक्त बनाने में अमलतास अस्पताल कर रहा प्रयास

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देवास। भारत सरकार की महती योजना अल्परक्तता उन्मूलन अभियान एवं कुपोषण उन्मूलन अभियान को प्राथमिकता देते हुए देवास कलेक्टर ने अमलतास अस्पताल को देवास जिले को एनीमिया मुक्त एवं कुपोषण मुक्त करने के लिए मनोनीत किया है। अमलतास अस्पताल में कार्यरत डॉ. शर्मिला मित्तल एवं उनके सहयोगी डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ की टीम इस भागीदारी में जुटी हुई है। अस्पताल प्रबंधन ने जानकारी देते हुए बताया भारत देश में 2019-2021 के सर्वे के आधारित पुरुषों में 25 प्रतिशत अल्परक्तता एवं महिलाओं में 57 प्रतिशत व 0 से 6 आयु के बच्चों 73 प्रतिशत पाई गई है। हर दूसरी गर्भवती अल्परक्तता से जूझ रही हैं। अमीर हो या गरीब किसी में भी यह अल्परक्तता हो सकती है। अल्परक्तता की वजह से शरीर की कोशिकाओं को पर्याप्त आक्सीजन नहीं मिल पाती है, इसलिए व्यक्ति को सारे दिन थकान और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। उसकी कार्य करने की क्षमता में कमी आ जाती है। थोड़ा सा काम करने में ही सांस फूलने लगती है। वह रूक-रूककर काम करने लगता है। उसे चक्कर आते हैं। आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है। कई बार चक्कर खाकर गिर जाता है व बेहोश भी हो जाता है। अल्परक्तता की वजह से गर्भवती को 7-8 माह में ही प्रसव होने की संभावनाए बढ़ जाती है। रक्त की कमी के कारण यह महिलाएं प्रसव पीड़ा भी ठीक से सहन नहीं कर पाती, इस कारण सामान्य प्रसूति होने में भी परेशानी होती है। हमारा मुख्य लक्ष्य देवास जिले की मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना है। इसी उद्देश्य के साथ अमलतास अस्पताल द्वारा 1012 गर्भवती व स्तनपान कराने वाली 300 माताओं, रजोनिवृत्ति वाली 204 महिलाओं paradormirmejor.org एवं 1121 बच्चे का परीक्षण और उपचार कर उन्हें स्वास्थ्य लाभ पंहुचाया जा चुका है। अमलतास अस्पताल के चेयरमैन मयंकराज सिंह भदोरिया ने बताया कि इस अभियान में भागीदारी कर शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना ही हमारा उद्देश्य है एवं आगे भी समस्त सरकारी स्कूलों, छात्रावास और महाविद्यालयों में स्वास्थ्य परीक्षण व इलाज पंहुचाना है।

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