रबी सीजन में मालवा-निमाड़ की बिजली मांग 7 हजार मेगावाट तक पहुंचेगी

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-बिजली कंपनी कर रही प्रभावी तैयारी, कृषि फीडरों का मेंटेनेंस एवं ट्रांसफार्मरों का स्टॉक

इंदौर। मप्र पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी रबी सीजन की प्रभावी तैयारी कर रही हैं। सभी 15 जिलों में एक ओर जहां कृषि फीडरों एवं संबंधित ग्रिडों का मैंटेनेंस क्रमबद्ध किया जा रहा है, वहीं लगभग 16000 ट्रांसफार्मरों का भी स्टॉक निर्धारित किया गया हैं। इस बार रबी सीजन में अधिकतम मांग 7000 मैगावाट के करीब पहुंचेगी।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया, कि रबी का सीजन प्रायः सितंबर से प्रांरभ होता है। इसी के तैयारी मुख्यालय के अलावा, रीजन, जिलों में की जा रही है। श्री तोमर ने बताया कि पिछले सीजन में अधिकतम मांग 6800 मैगावाट तक पहुंची थी, इस वर्ष मांग 7000 मैगावाट के करीब पहुंचने के मद्देनजर विस्तृत तैयारी की जा रही हैं। श्री तोमर ने बताया कि ग्रिड, लाइनों के मैंटेनेंस के साथ ही ट्रांसफार्मर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। रबी सीजन के लिए इस वर्ष ट्रांसफार्मरों का 16 हजार की संख्या में स्टॉक रखा गया है। रबी सीजन के लिए प्रत्येक जिले में स्थाई, अस्थाई ट्रांसफार्मर डिपो क्रियाशील रहेगा। श्री तोमर ने बताया कि मालवा निमाड़ में सिंचाई करने वाले किसानों की संख्या साढ़े तेरह लाख है। इन सभी को प्रतिदिन दस घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।

श्री तोमर ने बताया कि कंपनी क्षेत्र में इंदौर, धार, रतलाम, खरगोन, उज्जैन, मंदसौर, देवास जिले में सिंचाई करने वालों की संख्या 90 हजार से लेकर 1.60 लाख तक है। अन्य जिलों में 35 हजार से लेकर 85 हजार सिंचाई करने वाले किसान हैं।

रबी सीजन में पिछले वर्षों की मांग-

2022-23 में 6800 मैगावाट, 2021-22 में 6300 मैगावाट, 2020-21 में 6100 मैगावाट व 2019-20 में 5800 मैगावाट।

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