जन्म शताब्दी वर्ष में युवाओं की शक्ति को राष्ट्र निर्माण में लगाए- गायत्री परिवार

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– रचनात्मक अभियानों को लेकर सामूहिक गोष्ठी भी सम्पन्न हुई
– गायत्री शक्तिपीठ एवं गायत्री प्रज्ञापीठ पर श्रावणी उपाकर्म संपन्न
देवास। गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर देवास पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी रक्षाबंधन के पावन पर्व पर श्रावणी उपाकर्म का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ जिसमें पौधारोपण का संकल्प भी लिया गया।
गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि श्रावणी पूर्णिमा पर्व का उद्देश्य आत्म निर्माण है। शरीर का निर्माण तो हो गया, शरीर तो छूट जाएगा लेकिन शरीर के बाद भी आपकी आत्मा की दुर्गति न हो, आत्म निर्माण हो इसलिए तर्पण किया जाता हैं । इस दिन भाई बहन और मित्र परस्पर एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधकर शुभ संकल्प लेते है। रक्षा बंधन बहन की, संस्कृति की, राष्ट्र की रक्षा हेतु बंधन से जोडने का प्रतीक त्यौहार है। श्रावणी पर्व पर उपाकर्म कराते हुए गायत्री शक्तिपीठ के परिव्राजक रामनिवास कुशवाह ने कहा कि शास्त्रानुसार पर्यावरण एवं आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टि से इस दिन पौधारोपण का भी विशेष महत्व है। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर श्रावणी उपाकर्म में सर्वप्रथम तीर्थ की प्रार्थना के अनन्तर पंचगव्य प्राशन कर प्रायश्चित संकल्प एवं दशविध स्नान जैसे- मिट्टी, गोमय, गोमूत्र, भस्म आदि। ऋषि, पितृ तर्पण तथा शुद्ध स्नान कर नवीन यज्ञोपवित पूजन कर धारण किया गया पश्चात श्रीवेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी, वंदनीया माता भगवतीदेवी शर्मा व ऋषियों का पूजन एवं देवआव्हान कर पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ प्रारंभ कर पूर्णाहूति की गई जिसमें विश्व शांति, विश्व कल्याण एवं इस वर्ष अच्छी वर्षा हो इसके लिए विशेष मंत्रों द्वारा यज्ञ में विशेष आहुतियां दी गई।

आयोजन के अंत में सामूहिक गोष्ठी के रूप में जिला युवा समन्वयक प्रमोद निहाले ने परिजनों को संकल्पित करते हुए कहा कि आज हमें गायत्री परिवार की संस्थापक वंदनीय माता भगवतीदेवी शर्मा की जन्म शताब्दी 2026 में हैं, यह बहुत ही नजदीक है और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देना है तो मिशन को प्रतिदिन नियमित रूप से दो घंटे समयदान एवं अपनी कमाई का एक अंश समाज निर्माण में अनिवार्य रूप से लगाना होगा और गायत्री परिवार के हर रचनात्मक अभियानों (सौ सूत्रीय अभियान) में अपनी भागीदारी संकल्प पूर्वक करना होगी साथ ही जिले से 100 नये युवाओ का चयन कर उन्हें राष्ट्र निर्माण में लगाने की अपील की गई। कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के जिला संयोजक देवीशंकर तिवारी ने सभी परिजनों से अपील की कि जिले के विद्यालयों में सम्पर्क कर 7 अक्टूबर होने वाली भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को शामिल कर परीक्षा सफल बनाएं।
इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर में भी गायत्री प्रज्ञापीठ की संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में श्रावणी उपाकर्म सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में महेश पण्डया, कन्हैयालाल मोहरी, विक्रमसिंह राजपूत, गणेशचंद्र व्यास, चंद्रिका शर्मा, कैलाशसिंह ठाकुर, राजेन्द्र पोरवाल, जगदीश चौहान, शेषनारायण परमार, ज्ञानदेव बोड़के, दिनेश बर्डे, दीपक इंदानिया, प्रहलादसिंह सोलंकी, रामेश्वर कारपेन्टर सहित अनेक परिजन उपस्थित थे। शक्तिपीठ पर श्रावणी उपाकर्म का संचालन परिव्राजक रामनिवास कुशवाह ने किया।

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