विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष
उज्जैन। ( डॉ. संजय नागर) आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है और पर्यावरण संरक्षण वर्तमान की महती आवश्यकता है और अधिकांश जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं परंतु उज्जैन शहर में कुछ ऐसे ऐसे भी लोग हैं जो पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझते हैं और अपनी व्यस्त व्यस्त दिनचर्या में से पर्यावरण संरक्षण के लिए समय निकालते हैं, ऐसे ही एक टीम के युवा नेतृत्वकर्ता सजग पर्यावरणविद हरीश तिवारी से न्यूज़ वन क्लिक ने बातचीत की।
वर्तमान पर्यावरणीय स्थिति के बारे में आपकी राय:-
प्रकृति और इंसान एक दूसरे के पूरक है, पिछले कुछ सालो से प्राकृतिक संपदाओ का जिस प्रकार से इंसानों ने दोहन किया है उससे हम सब धीरे-धीरे ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज की और बड़ते जा रहे है।
पर्यावरण के तहत सबसे ज्यादा नुकसान किस क्षेत्र में हुआ है :-
पूरी दुनिया में पिछले दस से बीस सालो में जो इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हुआ हैं उसकी सबसे भारी कीमत हरे भरे पेड़ो ने चुकाई है, रोड़ बनाना हो , नए उद्योग लगाना हो या नई रहवासी कॉलोनी बनाना हो इन सब के लिए जब भी जगह की आवश्यकता हुई पेड़ो को काटकर वहां जगह बना दी गई।
पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से क्या नुकसान हुए हैं:-
सभी लोग अच्छे से जानते है कि पेड़ हम को ऑक्सीजन देते हे और कार्बन डाई ऑक्साइड का अवशोषण करते है , मिट्टी के कटाव को रोकते है, तापमान को नियंत्रित करते है , वर्षा को आकर्षित करते है और पर्यावरण को शुद्ध रखते है।
आप पर्यावरण के क्षेत्र में कब से सक्रिय हैं:-
सन् 2016 के सिंहस्थ के समय मोक्षदायनी मां शिप्रा के किनारे वन विभाग ने सघन पौधारोपण किया था और साथ ही उज्जैन शहर के कई जगह पर पौधारोपण किया गया था, हम सब लोगो ने मिलकर वन विभाग के इस कार्य में सहायता की थी और साथ ही ये प्रण लिया था कि जब तक ये पौधे पेड़ नही बन जाते हम लोग इन सब पौधो की देखभाल करेगे, तब से लेकर अब तक पर्यावरण को सहेजने के इस महायज्ञ में हम सब लोग निरंतर लगे हुवे है।
पर्यावरण क्षेत्र में आपके किस तरह के प्रयास रहते हैं:-
कोशिश यह रहती है कि वर्षा काल में अधिक से अधिक पौधे लगाए जाए और बाद के समय में इन पौधो की देखभाल की जाए ताकि आगे चलकर ये सब पूर्ण विकसित पेड़ बन जाए
अभी वर्तमान में आपकी क्या गतिविधियां चल रही है:-
अभी वर्तमान में इंजीनियरिंग कॉलेज के समीप स्मृति वन में हमारी पर्यावरण मित्र मंडली के प्रयासों से पौधारोपण किया गया था जो अब वृक्षों का रूप ले चुके हैं उन्हें देखभाल की आवश्यकता नहीं है और अभी पीजीबीटी कॉलेज द्वारा उपलब्ध कराए गए परिसर में हमने लगभग 200 पौधों का पौधारोपण किया है और प्रति रविवार हमारी एक टीम और दूसरी टीम सप्ताह में दो बार वहां जाकर पौधों की देखभाल करती है कालेज प्रशासन द्वारा यहां स्थित कुंए में पानी की मोटर की सुविधा उपलब्ध कराई है जिससे यहां पौधों को पानी दिया जाता है
विश्व पर्यावरण दिवस पर आप का क्या संदेश है
विश्व पर्यावरण दिवस पर मेरा सभी से ये अनुरोध ही की सभी अपने जीवन में एक पौधा जरूर लगाएं और उसकी तब तक देखभाल करे जब तक की वो पेड़ ना बन जाए, ऐसे ही छोटे छोटे प्रयासों से हम सब इस वसुंधरा को फिर से हरा भरा बना सकते हे, क्योंकि प्रकृति है तो हम है।
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