– अद्भुत कारीगरी, हुनर व कार्यकुशलता को देख हैरत में पड़े लोग
– आप भी ये राखियां खरीदकर इन बच्चों के जीवन में ला सकते हैं खुशियों के पल
देवास। जब हमारे मन-मस्तिष्क में अस्पताल का द्श्य उभरता है तो हमारे सामने मरीज-डॉक्टर्स, नर्स के चेहरे उभरकर आते हैं। हमारे मस्तिष्क की कल्पना से परे उज्जैन रोड स्थित अमलतास अस्पताल में शनिवार को अनूठी प्रदर्शनी लगी, जिसे निहारते हुए हर कोई भावुक हो उठा। यह प्रदर्शनी दिव्यांगजनों की कार्यकुशलता और अद्भुत कारीगरी का बेजोड़ उदाहरण है। इन्होंने अपने हुनर से तरह-तरह की सुंदर व आकर्षक राखियां बनाकर सभी को हैरत में डाल दिया। अब शहरवासी इन राखियों को खरीदकर दिव्यांगजनों के हौसलों को पंख देकर प्रोत्साहित कर सकते हैं।
अमलतास अस्पताल में दिव्यांगजनों के लिए विशेष स्कूल का संचालन होता है। यहां के बच्चे भी कुछ विशेष हैं, जिनकी काबिलियत से हर कोई अचरज में पड़ जाता है। इनके उत्साह को देखते हुए इस बार अमलतास अस्पताल प्रबंधन ने इन्हें रक्षाबंधन पर्व के लिए राखियां बनाने की कला सिखाई। कुछ ही दिनों की मेहनत से इन बच्चों ने रक्षासूत्र बनाने में महारथ हासिल कर ली। इन्होंने अलग-अलग प्रकार की राखियां बनाई। ये राखियां इतनी खूबसूरत है कि बाजार में मशीनों से बनने वाली राखियों से होड़ करती है। राखी बनाकर इन बच्चों में आत्मनिर्भरता के भाव भी साफ तौर पर झलकने लगे हैं।
शनिवार को इन राखियों की प्रदर्शनी का उद्घाटन महाराज विक्रमसिंह पवार ने फीता काटकर किया। अन्य अतिथि के रूप में उज्जैन के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपक उपस्थित थे। अतिथियों ने राखियों की प्रदर्शनी को निहारा और सराहना की।
राखियां अद्भुत कारीगरी का उदाहरण है-
अमलतास अस्पताल के चेयरमैन मयंकसिंह भदोरिया का कहना है बच्चों ने हमारे स्टाफ के सहयोग से जो राखियां तैयार की है, वे अद्भुत कारीगरी का उदाहरण है। इनकी जितनी तारीफ की जाए, कम है। इन राखियों को जन-जन तक पहुंचाकर हम स्वयं के साथ इन बच्चों को खुशी दे सकते हैं। अभी स्कूल में 100 बच्चे हैं, जिनकी निरंतर थैरेपी और इलाज चल रहा है।
आप स्वयं खरीदे और अन्य को भी करें प्रेरित-
विशेष विद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. भारती लाहोरिया ने शहरवासियों को संदेश देते हुए कहा कि इन बच्चों द्वारा बनाई हुई राखियां सभी को खरीदना चाहिए। इनसे इन बच्चों को प्राेत्साहन मिलेगा। आप स्वयं राखी खरीदे और अपने मित्रों, रिश्तेदारों को भी राखी खरीदने के लिए आग्रह करें। राखी विक्रय से जो राशि एकत्रित होगी, वह इन बच्चों के विकास के कार्यों में ही लगाई जाएगी। आपका प्रयास इन बच्चों के जीवन में खुशियाें के पल लाएगा।
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