उज्जैन। मनुष्य जीवन को सबसे श्रेष्ठ मानने का आधार उसके अंदर मौजूद अच्छे गुण जो और प्रगट होने के लिए अपना रास्ता खोजते रहते हैं। संयम-सेवा, विनम्रता-सहनशीलता और प्रेम-सद्भाव आदि के रूप में प्रकट होकर के मनुष्य को सामान्य स्तर से ऊपर उठा कर उसे एक अच्छा इंसान बनाते हैं और महानता के रास्ते पर आगे बढ़ाते हैं।
बंदियों में उक्त मानवीय गुणों को बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्रीय कारागार भेरूगढ़ उज्जैन में जन पुरोहित प्रशिक्षण शिविर चलाया जा रहा है। इसमें अखिल विश्व गायत्री परिवार गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन की ओर से उन्हें यज्ञ कर्मकांड संगीत, व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ आत्मीयता विस्तार और मानव जीवन को समुन्नत बनाने के सूत्र दिए जा रहे हैं। यहां पर करीब 90 बंदी इस प्रशिक्षण में भागीदारी कर रहे हैं। जेल अधीक्षिका उषा राज ने बताया कि इन प्रशिक्षणार्थी में हम बहुत सकारात्मक परिवर्तन देख रहे हैं। यह प्रशिक्षण बंदियों को आगे सम्मानजनक जीवन जीने के लिए बहुत उपयोगी होगा। प्रशिक्षणार्थी बंदी अपने दिनचर्या में उपासना साधना को स्थान दे रहे हैं। गायत्री परिवार की ओर से देवीशंकर तिवारी और जगदीश आचार्य के साथ अन्य विषय विशेषज्ञ यहां पर बंदियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। 6 जून सोमवार को यहां बंदी प्रयोगात्मक रूप से यज्ञ भी करेंगे। 10 मई से आरंभ हुआ प्रशिक्षण शिविर 8 जून को दीप यज्ञ के साथ संपन्न होगा।
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