scientist of village जुगाड़ से बनाया खरपतवार नाशक उपकरण

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  • जिस काम के लिए लगता था दिनभर, वह हो जाता है घंटेभर में

बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। मालवा के किसान मेहनत के साथ जुगाड़ से उपकरण बनाने में आगे हैं। समय-समय पर किसान खेती में उपयोग आने वाले उपकरणों को बनाते आ रहे हैं। इससे किसानों का काम आसान हो रहा है और खेती में फायदा पहुंच रहा है। इनके ये आविष्कार स्वयं के साथ अन्य किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहे हैं। स्थानीय स्तर पर कुछ किसानों ने खरतपतवार हटाने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण तैयार किया है, जो क्षेत्र के किसानों में लोकप्रिय हो रहा है।

खेती में फसलों के मध्य उग आने वाले खरपतवार को हटाने में किसानों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कीटनाशक का छिड़काव करने पर भी खरपतवार पूरी तरह से नष्ट नहीं होते। खरपतवारनाशक का कार्य बैलों से करने में वक्त बहुत लगता है, ऐसे में युवा किसान गब्बूलाल पाटीदार ने गोपाल झाला, जितेंद्र सैंधव व बाबूलाल पाटीदार के साथ मोटरसाइकिल से खरपतवार हटाने के लिए उपकरण तैयार किया। इन्होंने बाइक के पीछे 7 डोरे लगाए और इसके माध्यम से खरपतवार को कुछ ही देर में हटाने का कार्य पूर्ण कर दिया। जो काम बैलों की सहायता से घंटों की मेहनत व पसीना बहाने के बाद होता था, वह बाइक के माध्यम से काफी कम समय में हो रहा है। इन किसानों द्वारा बनाए गए इस उपकरण से 1 घंटे में ही 3 से 4 बीघा खेत में खरपतवार की सफाई हो रही है। इसी कार्य के लिए बैलजोड़ी के साथ 3 मजदूर लगते हैं। इसमें उन्हें दिनभर का वक्त लगता है। इन दिनों मजदूर सहित बैलजोड़ी 2 हजार रुपए किराए में मिल रही है। ऐसे में सिर्फ 300 ग्राम पेट्रोल में ही यह काम संभव हो पाया है। बेहरी के इन ग्रामीण वैज्ञानिकों की जुगाड़ देखने के लिए आसपास के कई गांवों के किसान आ रहे हैं।

हमने एक छोटा सा प्रयास किया है-

गब्बूलाल पाटीदार ने बताया समय के साथ खेती को आधुनिक बनाने पर ध्यान देना होगा। जहांं एक ओर समय का अभाव है और मजदूरी के रेट भी बढ़ गए हैं, इसलिए हमने एक छोटा प्रयास किया है। इससे कम समय में खरपतवार की सफाई कर सकते हैं। कई किसान हमसे समझने के लिए आ रहे हैं, हम उन्हें उपकरण बनाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

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