Hariyali Amavasya परिश्रम के पसीने से पांच लोगों ने बंजर भूमि को कर दिया हराभरा

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– हरियाली अमावस्या पर लिया गया संकल्प अब पूर्ण हुआ
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। हरियाली महोत्सव का संकल्प सरकार भले ही भूल गई, लेकिन पर्यावरणप्रेमियों ने इसे याद रखा। 5 वर्ष पूर्व शासन द्वारा हरियाली महोत्सव के तहत 5 वर्ष तक मध्यप्रदेश में सभी स्थानों पर पौधे लगाकर उन्हें जीवित रखने का संकल्प लिया था।

इसी दौरान बेहरी के समीप धावड़िया गादी पर आपस में चंदा एकत्रित कर 5 व्यक्तियों की समिति बनाई। समिति से जुड़े शांतिलाल पाटीदार, सौदान रावत, सचिन रावत, अनोप रावत, अर्पित रावत आदि सदस्यों की टीम ने बगीचे को हरा-भरा करने का संकल्प लिया और इनका प्रयास अब सफल दिखाई दे रहा है। हरियाली अमावस्या के अवसर पर इनका जिक्र करना जरूरी है। इन 5 लोगों ने ग्रामीणों की मदद से गादी के आसपास की 2 बीघा जमीन को साफ किया। तार फेंसिंग कर खंबे लगाएं। इसी जमीन पर गड्ढे खोदकर लगभग 100 किस्म के आम के पौधे लगाए हैं, जो अब 3 से 5 फीट के हो गए और फल भी देने लगे हैं। अन्य फलदार पौधों में शामिल जाम, अनार, नींबू, संतरा, चीकू आदि है। इन युवकों की मेहनत 2 बीघा बंजर भूमि को हराभरा कर रही है। गर्मी के दिनों में ग्रामीणों की मदद से यह लोग इन पेड़-पौधों को डिब्बे-गैलन से पानी भी देते हैं। आवारा पशुओं से सुरक्षा भी करते हैं।

गौरतलब है, कि यहां स्थित पीपल एवं इमली का पेड़ 200 वर्ष पुराना माना जाता है। वर्ष में दो बार यहां पर बड़े स्तर पर हवन, यज्ञ, पूजा पाठ होते हैं। लोग इसी स्थान को पानी वाले बाबा के नाम से भी जानते हैं। अब विभिन्न प्रकार के आम के बगीचे के नाम से जानेंगे।

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