श्रीमद भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया
करनावद (नरेंद्र ठाकुर)। संसार में रहते हुए भगवान का भजन करना चाहिए। संसार की वस्तुओं में आसक्ति नहीं रखना चाहिए। कथा का अमृत पान करने से जन्म-मृत्यु, दुख-सुख के भय से छुटकारा मिलता है। देवताओं ने जो अमृत पिया, उस अमृत को पीने से जन्म-मृत्यु के भय से छुटकारा नहीं मिलता। श्रीमद् भागवत पुराण की कथा का श्रवण अमृत से भी श्रेष्ठ है।
देहरिया साहू की पाटीदार धर्मशाला में श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पुंजापुरा की सुश्री पूजा शर्मा ने यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने भरत चरित्र, समुद्र मंथन का वृतांत सुनाया। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। पंडाल में बालगोपाल को लाया गया तो भक्त भावविभोर हो उठे। भक्तों ने पुष्पवर्षा कर उत्साह व्यक्त किया। भगवान कृष्ण के भजनों से वातावरण गूंज उठा। भक्तों ने भजनों पर नृत्य करते हुए उत्साह व्यक्त किया। माखन, मिश्री और पंचमेवा का प्रसाद भक्तों में वितरित किया गया। भागवतजी की आरती में काशीराम पाटीदार सहित बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए।
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