– भारतीय किसान संघ ने बैठक में बीमा संबंधी विसंगतियों पर की चर्चा
देवास। भारतीय किसान संघ की बैठक कृषि उपज मंडी में आयोजित की गई। इसमें किसानों की विभिन्न समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में फसल बीमा की विसंगतियों सहित अन्य मुद्दों पर पदाधिकारियों ने किसानों का मार्गदर्शन किया।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2021 का फसल बीमा कई किसानों को अब तक नहीं मिला है। जिन गांवों में बीमा मिला, इनमें कई किसान बीमा राशि से वंचित रह गए। हमें वर्ष 2021 की बीमा लिस्ट दी जाना चाहिए। छोटे गांव में फसल बीमा राशि, लैंड पुलिंग योजना की शर्तें हटाने, रेलवे व फोरलेन में जमीन जाने पर बाजार मूल्य से मुआवजे आदि पर चर्चा की गई।
बैठक में जिला प्रभारी आनंद आंजना, प्रचार प्रमुख गोवर्धन पाटीदार, जिला अध्यक्ष हुकम पटेल कन्नौद, रामविलास कैरेपा, जिला मंत्री शेखर पटेल ने संबोधित करते हुए कहा कि फसल बीमा कंपनी किसानों को उनकी फसल नुकसानी का क्लेम पटवारी हल्का में किए गए फसल कटाई प्रयोग के आधार से नहीं देकर पिछले दो साल से रिमोट सेंसिंग पद्धति (सैटेलाइट सर्वे) के आधार पर दे रही हैं, जो किसानों के साथ छलावा और अन्याय है।
वर्ष 2020 खरीफ में भी देवास जिले के लगभग सभी पटवारी हलकों में अतिवृष्टि व कीट रोग के कारण मात्र 20 से 25 प्रतिशत ही उत्पादन निकला था, जो राजस्व विभाग, कृषि विभाग और बीमा कंपनी द्वारा रेंडम पद्धति से पटवारी हल्के में किए गए फसल कटाई प्रयोग के प्रमाणित आंकड़े भी बताते हैं, परंतु फसल बीमा कंपनी ने जान बूझकर सैटेलाइट सर्वे का बहाना बनाते हुए देवास जिले के किसानों के साथ लगभग 600 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करते हुए आधा बीमा क्लैम ही दिया था। वर्ष 2021 में भी कुछ हल्कों में खरीफ और कुछ में रबी फसल में नुकसान था, उसके अनुरूप बीमा क्लैम नहीं दिया। इसके बाद किसानों ने मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। साथ ही पदाधिकारियों ने कलेक्टर ऋषव गुप्ता से किसानों की समस्याओं के निराकरण को लेकर चर्चा की। इस अवसर पर आंनद मेहता, राकेश जाट, सूर्यप्रकाश काका, मूलचंद पाटीदार, सर्वेश केलवा, माखन नाहर, मुकेशजी, कैलाश भार्गव एवं जिलेभर से अनेक किसान उपस्थित थे।
किसानो की प्रमुख मांग:–
– वर्ष 2021 का जिन किसानों एवं जिन गांवों में फसल बीमा नहीं मिला है, उन्हें दिलाया जाए एवं फसल बीमा क्लैम की पटवारी हल्कावार किसानों के नाम सहित सूची उपलब्ध कराई जाएं।
– वर्ष 2020 रबी व खरीफ फसल बीमा क्लैम में बीमा कंपनी द्वारा की गई अनियमितता की जांच कर किसानों को उनके हक का पूरा पैसा दिलाया जाए और इसकी भी सूची उपलब्ध कराई जाए।
– कृषि भूमि के बाजार भाव और कलेक्टर गाइड लाइन में जमीन आसमान का फर्क है, इसे बाजार भाव के समतुल्य किया जाए।
– सरकार द्वारा अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का या तो बाजार मूल्य से मुआवजा दिया जाए या भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार अन्य राज्य की भांति चार गुणा मुआवजा राशि दी जाएं।
– मुख्यमंत्री ने सोनकच्छ में देवास तहसील के 32 गांव की जमीन से लैंड पुलिंग स्कीम को हटाने की बात कही थी, लेकिन यह अभी तक हटी नहीं है। इसकी निरस्ती नोटिफिकेशन जारी कर इन गांवों के किसानों की भूमि पर लगे सारे प्रतिबंध तुरंत हटाए जाए।
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