सावन माह में विशेष: अंबेश्वर महादेव में वर्षभर होता है निरंतर प्राकृतिक जलाभिषेक

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– लगभग 500 फीट ऊंचाई पर आम के पेड़ के नीचे से बहती है स्वच्छ जलधारा

बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। सावन माह में शिवालय में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने के साथ वातावरण शिवमय हो जाता है। जिला मुख्यालय से 68 किलोमीटर दूर धावड़िया ग्राम पंचायत अंतर्गत प्रसिद्ध चमत्कारी शिवालय अंबेश्वर महादेव है। इसे स्थानीय बोली में भेसुड़ा महाराज के नाम से जानते हैं। यह स्थान विगत 30 वर्ष में वन विभाग एवं श्रद्धालुओं की मदद से चर्चा में आ गया है। पहले इस स्थान को स्थानीय किसान और चरागाह ही पहचानते थे ।

ग्राम बावड़ीखेड़ा तक सड़क मार्ग के साथ-साथ तीन किलोमीटर के पहाड़ीनुमा कच्चे रास्ते से होकर इस प्राकृतिक जलाअभिषेक वाले शिवालय पर श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां पर खुदाई के दौरान 500 वर्ष पुरानी ईंट और अन्य अवशेष भी मिले हैं। पुराने लोग बताते हैं, कि पहले यह स्थान धार स्टेट अंतर्गत सीमा चौकी के रूप में उपयोग आता था। इसका उदाहरण आज भी पहाड़ी की चोटी पर बनी चौकी है। बेहद ऊंचाई पर होने के कारण आसपास के क्षेत्र में नजर आसानी से रखी जा सकती है। समतल भूमि से 1150 फीट ऊंची यह पहाड़ी मालवा क्षेत्र की सबसे ऊंची पहाड़ी मानी जाती है। विंध्याचल पर्वत श्रेणी अंतर्गत यहां पर प्रकृति की विशेष मेहरबानी है। यहां 2 दर्जन से अधिक प्रकार के वृक्ष दिखाई देते हैं, जिसमें सागवान, धावड़ा, आम, पीपल, बेलपत्र, बांस, बहेड़ा, महुआ, खेर, कनेर, खाकरा और दुर्लभ जड़ी-बूटी भूमि आंवला यहां पर मिलता है। वन विभाग द्वारा यहां पर वर्ष 2003 से 2005 के मध्य 50 हजार से अधिक बांस लगाकर इस पहाड़ी को हरा-भरा करने में सहयोग दिया है। वे बांस अब भी लहलहरा रहे हैं।

पक्का मार्ग बनने से होगी आवागमन में आसानी-

पहाड़ी के मध्य सेंटर पर लगभग 500 फीट ऊंचाई पर आम के पेड़ के नीचे से स्वच्छ जलधारा निकलती है। यहां पर प्राकृतिक शिवलिंग बना हुआ था, जिसे कालांतर में श्रद्धालुओं ने पक्के निर्माण में तब्दील कर दिया। वर्षभर प्राकृतिक रूप से जलाभिषेक होने के चलते यह स्थान चर्चा में आ गया है। श्रद्धालुओं द्वारा 5 वर्ष पूर्व मंदिर स्थान तक पेढ़ी बना दी गई है, बीच-बीच में वन विभाग द्वारा रास्ते को सुधार देने से श्रद्धालु यहां आसानी से पहुंच जाते हैं। सावन माह में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाएगी और यह श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन जाएगा। सड़क निर्माण में वन विभाग की कानूनी बाधा सामने आ रही है। यदि यह बाधा दूर हो जाए तो इस स्थान तक पक्का मार्ग बन जाने पर श्रद्धालुओं की पहुंच और भी आसान हो जाएगी।

वर्षभर श्रद्धालु करते हैं पार्टी-

यह स्थान जंगल में मंगल जैसा है, इसलिए वर्षभर लोग यहां पार्टी करने आते हैं विशेषकर गर्मी के दिनों में यहां के शीतल वातावरण में राहत मिलती है। इस स्थान से प्रभावित होकर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने इसे चिन्हित कर पर्यटन स्थल में शामिल कराने की बात कही थी, लेकिन यह स्थान पर्यटन स्थल के रूप में नहीं बन सका। अगर यह पर्यटन स्थल के रूप में शामिल हो जाए, तो क्षेत्र का विकास भी संभव है। कई लोगों को रोजगार मिलने के साथ-साथ प्रकृति की अनमोल धरोहर से क्षेत्र के सभी लोग परिचित हो जाएंगे।

लेखक परिचय-

वरिष्ठ पत्रकार हीरालाल गोस्वामी (9009720777)

वर्षों से अपनी लेखनी के माध्यम से जनहित के मुद्दों को उठाते आ रहे हैं।  वर्तमान में बागली प्रेस क्लब के अध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे हैं। इनके  द्वारा लिखित आर्टिकल कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, न्यूज वेबसाइट आदि में प्रकाशित होते रहे हैं।

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