इंदौर। एक जुलाई 2023 का दिन शहडोल जिले के लिए बहुत ही ऐतिहासिक होगा। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिले की स्थानीय जनजातीय संस्कृति एवं परंपराओं से अवगत होंगे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी खटिया पर बैठकर देशी अंदाज में जनजातीय समुदाय, फुटबॉल क्रांति के खिलाड़ियों, स्व-सहायता समूह की लखपति दीदियों और अन्य लोगों से संवाद करेंगे। ऐसा पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री देशी अंदाज में जनजातीय समुदाय के साथ जमीन पर बैठकर कोदो, भात- कुटकी खीर का आनंद लेंगे। संपूर्ण कार्यक्रम भारतीय परंपरा एवं संस्कृति के अनुसार होगा। प्रधानमंत्री के भोज में मोटा अनाज (मिलेट) को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। पकरिया गांव की जल्दी टोला में प्रधानमंत्री के भोज की तैयारी जोर-शोर से चल रही है।
पकरिया गांव के जनजाति समुदाय के भोजन में कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा, सांवा, मक्का, चना, पिसी, चावल आदि अनाज शामिल हैं। महुए का उपयोग खाद्य और मदिरा के लिए किया जाता है। आजीविका के लिए प्रमुख वनोपज के रूप में भी इसका संग्रहण सभी जनजातियां करती हैं। बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों के लोगों को वनौषधियों का परंपरागत रूप से विशेष ज्ञान है। बैगा कुछ वर्ष पूर्व तक बेवर खेती करते रहे हैं।
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