आज नेटफ्लिक्स ओटीटी प्लेटफार्म पर दंगल फेम सान्या मल्होत्रा अभिनीत फिल्म *कठहल(Kathal)* देखी। बुंदेलखंड क्षेत्र में कहानी रचीबसी गई है। एकता कपूर निर्मित यह फिल्म बेहद रोचक है। एक बाहुबली विधायक मुन्ना लाल पटेरिया के घर में लगे पेड़ से दो कठहल चोरी चले जाते हैं। कठहल विदेशी वैरायटी के होने से विधायक जी के लिए बहुत महत्व रखते हैं। पुलिस में सीधे एसपी को तलब कर जांच कर कठहल वापस लाने को कहा जाता है। एसपी प्रकरण की जांच युवा इंस्पेक्टर महिमा बसोर को सौंप देते हैं। इंस्पेक्टर कठहल की जांच करते-करते कहानी की मुख्य एफआईआर की जांच करने लगती है। इसी के साथ इंस्पेक्टर अपने हवलदार उच्च जाति के अनंत जोशी से प्यार भी करती रहती है। बुंदेलखंडी तड़के के साथ रची गई कहानी तथा उसका ट्रीटमेंट बेहद रोचक है। फिल्म में कसावट है तथा पलभर को भी बोरियत नहीं होती। राजपाल यादव द्वारा निभाए गए पत्रकार अनुज सांघवी के रूप में आजकल की पत्रकारिता की भी तस्वीर पेश की गई है।
फिल्म में महिमा बसोर के रूप में सान्या मल्होत्रा ने शानदार काम किया है। उनके प्रेमी के रूप अनंत जोशी के किरदार में सौरभ द्विवेदी भी छाए रहते हैं। विधायक मुन्ना लाल पटेरिया के रोल को विजय राज ने चार चांद लगा दिए। विजय राज के हावभाव, डायलॉग डिलेवरी बेहतरीन हैं। छोटे लेकिन महत्वपूर्ण रोल में रघुवीर यादव का अभिनय भी अविस्मरणीय है।
फिल्म में कहीं अतिरंजना नहीं है। एसपी के रोल में गुरपाल सिंह ने बेहद स्वभाविक अभिनय किया है। प्रशासनिक राजनीतिक व्यवस्था पर एक अच्छा व्यंग्य फिल्म के माध्यम से किया गया है। समाज में व्याप्त जातिगत भावनाओं को भी अच्छी तरह से उकेरा गया है। सभी पात्रों का अभिनय अच्छा है। डॉयलॉग्स में बुंदेलखंडी पुट दिया गया है जो सुनकर अच्छा लगता है। कुल जमा यह एक अच्छी फिल्म है। ऐसी फिल्मों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
– अशोक बरोनिया, वरिष्ठ लेखक एवं चिंतक
Leave a Reply