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नागपुर. आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय की पुरानी इमारत से लगे इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में शानदार प्रवेश द्वार तैयार किया गया. इसमें संस्था का नाम भी लिखा है. गेट की वजह से लुक भी बदला है लेकिन अब तक गेट शुरू नहीं हुआ है. छात्र, प्राध्यापक, स्टाफ अब भी पुराने गेट का ही उपयोग कर रहे हैं.
शासकीय कार्यालय में मेंटनेंस सहित विविध तरह के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग की होती है लेकिन विभाग की लेटलतीफी सर्वविदित है. कभी भी कोई भी कार्य समय पर पूरा नहीं होता. महीनों कार्य चलता रहता है. पिछले दिनों विवि प्रशासन ने इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में नया गेट बनाने के लिए सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी. विभाग ने गेट तैयार किया. गेट के सामने संस्था का नाम भी लिखा गया. इससे संस्था परिसर का लुक बदला है लेकिन इस नये गेट के सामने लगे पेड़ों की कटाई शुरुआत में ही नहीं की गई.
कोई औचित्य ही नहीं
अब भी छात्र, प्राध्यापक और स्टाफ पुराने गेट का ही इस्तेमाल करते हैं. परिसर में काफी जगह खाली है. पिछले हिस्से में होस्टल भी बना है. लेकिन सार्वजनिक निर्माण कार्य द्वारा दुरुस्ती में कोताही बरती जाती है. पेड़ों की कटाई-छंटाई वर्षों नहीं की जाती. सिटी के भीतर होने से पुरानी इमारत विशेष आकर्षण है लेकिन ध्यान नहीं दिए जाने से स्थिति बिगड़ रही है. बताया गया कि गेट तैयार होकर काफी वक्त हो गया है लेकिन अब तक खोला नहीं गया. इस विषय में पीडब्ल्यूडी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया, जबकि संस्था प्रतीक्षा ही कर रही है.
इस संबंध में संस्था प्रमुख अंजली रहाटगांवकर ने बताया कि गेट तो तैयार हो गया है लेकिन अब तक संस्था को हैंडओवर नहीं किया गया है. इस वजह से पुराने गेट का ही इस्तेमाल किया जा रहा है.
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