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Protest | किसानों ने प्याज की होली कर प्रकट किया प्याज के दाम कम मिलने का निषेध; शेतकरी संगठन का प्रदर्शन

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Farmers did Holi of onions and expressed the prohibition of getting low prices of onions; Demonstration of farmer's organization

अकोला. प्याज के दाम नहीं मिलने से प्याज उत्पादक किसानों को परेशानी हो रही है. इसके विरोध में शेतकरी संगठन की ओर सोमवार को होली पर्व के अवसर पर प्याज की होली जलाकर प्रदर्शन किया गया. होली के दिन जिलाधिकारी कार्यालय के सामने स्थित चौराहे पर आयोजित इस प्याज की होली ने राहगीरों का ध्यान खींचा.

इस अवसर पर शेतकरी संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि किसानों ने काफी मुश्किलों और कठिनाइयों का सामना करने के बाद अपने खेतों में प्याज की फसल उगाई है. लेकिन आज बाजार में प्याज के सही दाम नहीं मिल रहे हैं. सरकार भी किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है. सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए अकोला जिलाधिकारी कार्यालय के सामने शेतकरी संगठन की ओर से प्याज की होली की गयी और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया.

इस समय संगठन के पदाधिकारियों सरकार की नीतियों के विरोध में नारेबाजी की और प्याज के दाम कम मिलने पर प्याज की होली कर प्रदर्शन किया. इन पदाधिकारियों का कहना था कि, सरकार की गलत नीति से प्याज उत्पादक किसानों को हर साल नुकसान हो रहा है. प्याज की फसल बेच कर फसल का लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रही है. जिससे अब किसानों के जीवन, मरण का प्रश्न निर्माण हो रहा है. सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव लाने चाहिए, ताकि किसानों को भी खुशहाल जीवन जीया जा सके. 

इसलिए इस सरकार की गलत नीति के खिलाफ किसानों ने होली पर्व पर प्याज की होली जला कर विरोध जताया. इस मौके पर संगठन की ओर से चेतावनी दी गई कि अगर प्याज के सही दाम नहीं मिले तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा. इस आंदोलन में शेतकरी संगठन के अध्यक्ष बलीराम पांडव, सतीश उंबरकार, संजय वाडकर, विलास ताथोड़, अविनाश काकड़ आदि सहित शेतकरी संगठन के कई पदाधिकारी व किसान उपस्थित थे. 

केवल कीमत कम करने के लिए प्याज की खरीदी

प्याज के दाम पिछले कुछ दिनों से लगातार गिर रहे हैं. इससे किसान आक्रोशित हो गए हैं. राज्य में हर दिन कहीं न कहीं कोई आंदोलन चल रहा है. लाल प्याज नाफेड के माध्यम से नहीं खरीदा जाता है. लेकिन किसानों की आक्रामकता के बाद केंद्र सरकार ने पहली बार नाफेड के जरिए प्याज की खरीद शुरू की है. किसानों का मानना ​​है कि नाफेड के माध्यम से प्याज की चल रही खरीद केवल कीमत कम करने के लिए है और सरकार इस मामले में हेरफेर कर रही है.



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