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नासिक/जलगांव/धुलिया : पर्वों के देश भारत में हर पर्व बड़े ही अनोखे अंदाज से मनाया जाता है। रंग पर्व होली (Holi) मनाने के प्रति राज्य के अन्न हिस्सों की तरह उत्तर महाराष्ट्र (North Maharashtra) के लोग भी पीछे नहीं हैं। सोमवार 6 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाएगा, इसके लिए नाशिक शहर के विभिन्न हिस्सों में लकड़ियां एकत्रित की गई हैं। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर होलिका दहन की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। नासिक में रंगपंचमी (Rangpanchami) का विशेष महत्व है, इस वर्ष 12 मार्च को रंगपंचमी का पर्व है, इसलिए 6 मार्च को होलिका दहन करने के बाद नासिक के लोगों को रंगपंचमी की प्रतीक्षा रहेगी और जैसे ही रंग पंचमी का दिन आएगा, सभी होली के रंग से सराबोर हो जाएंगे।
होली के पर्व के मद्देनजर गली-गली में होली के गीत और चंग की थाप सुनाई देने लगी है। शहरी के मुख्य बाजारों में अबीर-गुलाल, तरह-तरह के रंग बाजार में आ गए। होली सभी आयु वर्ग के लोग मनाते हैं, लेकिन बच्चों को इस पर्व के प्रति कुछ ज्यादा ही लगाव रहता है, इसलिए जैसे ही बाजारों में रंग-बिरंगी पिचकारियां आती हैं, बच्चे पिचकारी पाने के लिए लालायित हो जाते हैं। पिचकारियों की कीमत 20 से लेकर 1000 रुपए तक की है। होली के लिए मिठाई विक्रेताओं ने दूध और मावे के लिए एडवांस बुकिंग करवा दी है। त्योहारों पर मिठाई की मांग भी खूब बढ़ जाती है, ऐसे में मिठाई के व्यापारियों ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी हैं। होली के लिए कई तरह की स्पेशल मिठाइयां भी इस बार लोगों को भाएंगी।
होलिका दहन के बाद ही होली मनाने की परंपरा
चूंकि नासिक में होलिका दहन के पांच दिन बाद होली मनायी जाती है, इसलिए यहां होली पर्व के लिए जरूरी वस्तुओं की दुकानें होली के पांच दिन पहले और होलिका दहन के बाद भी एक सप्ताह तक खुली रहती हैं। चूंकि होलिका दहन करने के बाद ही होली मनाने की परंपरा है, इसलिए इस परंपरा का वहन नासिक में भी किया जा रहा है। इस वर्ष होलिका दहन सोमवार 6 मार्च को होगा। नासिक, जलगांव और धुलिया जिलों के साथ उत्तर महाराष्ट्र के अन्य क्षेत्रों में होलिका दहन के 5 दिनों के बाद रंगपंचमी मनाई जाती है।
खानदेश में भी तैयारी पूरी
नासिक के जिले के साथ-साथ खानदेश के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों में भी होली मनाने की लोगों ने तैयारियां कर ली हैं। शहरी क्षेत्रों की तरह ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में भी होली मनाने के प्रति जोरदार उत्साह देखा गया। गांवों में भी होली पूजा के लिए लगने वाली सामग्री की खरीदारी के लिए दुकानें सज गई हैं। नासिक के पंचवटी और अन्य इलाकों में बाताशे के हार की भी बिकने सज गई हैं।
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बाजारों में विभिन्न रंग उपलब्ध हैं
दुकानों पर बिक्री की लिए हर्बल गुलाल और रंग लाए गए हैं। व्यापारियों का कहना है कि हर्बल उत्पाद की मांग के कारण सभी तरह की गुलाल और रंग हर्बल मंगवाए हैं, जिससे त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है, वहीं नई वैरायटी में बच्चों के लिए पिचकारी और गुब्बारों सहित कई तरह के रंग भी बाजारों में उपलब्ध हैं। वहीं होली पर सजाने के लिए साोफे और अन्य कई वस्तुओं की खरीदारों की ओर से मांग की जा रही है।
उत्तर महाराष्ट्र के अंतर्गत आने वाले इलाकों में तैयारियां लगभग पूरी
बच्चे होली की पूरा और त्योहार के लिए नए कपड़ों की खरीदारी करते दिखाई दे रहे हैं। नासिक जिले और जलगांव में बड़े बाजारों में कपड़े और बच्चों को आकर्षित करने वाली सामग्रियों से सज गई हैं। होली दहन के लिए जलगांव, नासिक, धुलिया, नंदुरबार समेत उत्तर महाराष्ट्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है। बताया जा रहा है कि लकड़ी की कमी के कारण होलिका दहन के लिए कुछ इलाकों में लकड़ियां खरीदनी भी पड़ी हैं। खानदेश के सभी शहरों में भी होली की तैयारियां पूर्णता की ओर है। जलगांव में होली मनाने के लिए खास टी शर्ट भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इन दुकानों पर भारी संख्या में ग्राहक भी उमड़ रहे हैं।
दुकानदारों से हर्बल गुलाल बेचने की अपील की गई
होली पर सेहत के साथ-साथ पर्यावरण का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। होली के त्योहार को देखते हुए प्रशासन ने आम लोगों से भी हर्बल गुलाल अपनाने की अपील की है। साथ ही हर्बल गुलाल बेचने की दुकानदारों से अपील की गई है। डीआईजी बी जी शेखर और एसपी अंकुश शिंदे ने शांति समिति के साथ बैठक कर होली पर्व शांति और सुव्यवस्था के बीच मनाने की अपील की है।
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