Right to Pee | नागपुर: सिटीजन फोरम का ‘राइट टू पी’ अभियान के तहत विरोध प्रदर्शन, स्वच्छ-सुरक्षित शौचालयों की मांग

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नागपुर: सिटीजन फोरम का ‘राइट टू पी’ अभियान के तहत विरोध प्रदर्शन, स्वच्छ-सुरक्षित शौचालयों की मांग

नई दिल्ली/नागपुर. महाराष्ट्र (Maharashtra) से मिली बड़ी खबर के अनुसार, यहां आज नागपुर (Nagpur) में नागपुर नागरिक मंच ने ‘राइट टू पी’ अभियान के तहत महिलाओं के लिए सार्वजनिक मूत्रालयों की संख्या में वृद्धि की मांग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन किया. जानकारी दें कि नागपुर सिटीजन फोरम ने बीते 30 दिसंबर, 2021 को नागरिकों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और मुफ्त शौचालय की मांग के लिए ‘राइट टू पी’ अभियान शुरू किया था। 

वहीं इस अभियान के तहत ‘नागपुर सिटीजंस फोरम’ ने सर्वेक्षण किया और शहर के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध शौचालयों का औचक दौरा कर शहर की स्थिति की जांच की। नागरिक मंच के विभिन्न सदस्यों ने आज हुए इस विरोधप्रदर्शन में भाग लिया और सरकार से सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के लिए बेहतर मूत्रालय सुविधा की मांग करते हुए नारे लगाए। 

मामले पर महिला कार्यकर्ता और फोरम की सदस्य एडवोकेट स्मिता सिंघलकर ने कहा कि शहर में अस्वास्थ्यकर मूत्रालय विभिन्न बीमारियों का कारण बन सकते हैं और अनुचित सार्वजनिक मूत्रालय साइट अक्सर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध का कारण बनती है। वहीं स्मिता ने कहा, “पर्याप्त सार्वजनिक शौचालयों की कमी चिंता का विषय है। महिलाओं और लड़कियों को दूसरे लोगों के अनुचित या निजी वॉशरूम का उपयोग करने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे बलात्कार या यौन उत्पीड़न जैसे अपराध हो सकते हैं।” 

स्मिता और अन्य कार्यकर्ताओं ने कहा कि, “महिलाओं को बेहतर मूत्रालय सुविधाएं प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, इस महिला दिवस पर, हम महाराष्ट्र सरकार से राइट टू पी अभियान के तहत बेहतर सार्वजनिक मूत्रालयों की संख्या बढ़ाने की मांग करते हैं।”

स्मिता ने ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए सर्वेक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद स्कूलों में भी उचित शौचालय नहीं हैं और लड़कियों को पास के लोगों से अपने शौचालय का उपयोग करने के लिए अनुरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इस तरह की लापरवाही के कारण हो सकता है।” यह इन लड़कियों के खिलाफ एक ‘अपराध’ है। 

उन्होंने यह भी कहा कि उनके संगठन ने कुछ साल पहले एक जनहित याचिका दायर की थी लेकिन राज्य सरकार द्वारा कोई विशिष्ट या पहचानने योग्य कार्रवाई नहीं की गई है। साथ ही, क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों की संख्या में वृद्धि करना और मौजूदा शौचालयों में बेहतर सुविधाएं जैसे बेहतर गेट, नल का पानी, बिजली आदि प्रदान करना आवश्यक है। इसके अलावा, उन्होंने मौजूदा शिंदे सरकार से महिलाओं के खिलाफ अपराधों से बचने के लिए स्वच्छ और सुरक्षित सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण में जरुरी आवश्यक कार्रवाई करने का भी आग्रह किया है।



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