– नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 126वीं जयंती पर आयोजित की विचार गोष्ठी
– मैं सुभाष बोल रहा हूं किताब का विमोचन हुआ
देवास। नेताजी सुभाषचंद्र बोस यादगार कमेटी देवास ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर स्थानीय रानी बाग में विचार गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी की शुरुआत में अथितियों ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद गोष्ठी में उपस्थित लोगों ने नेताजी के जीवन संघर्ष व वर्तमान परिदृश्य पर अपने विचार व्यक्त किए। इसके बाद “मैं सुभाष बोल रहा हूं” किताब का विमोचन हुआ। गोष्ठी में वक्तव्य रखते हुए मुख्य अतिथि कैलाश राजपूत ने कहा कि नेताजी ने कहा था कि “इंसानियत हासिल करने का एकमात्र तरीका है इंसानियत के विकास में हर बाधा को चकनाचूर कर डालना। जब जहां अत्याचार, अन्याय व दुराचार होते देखो वहां निडर दिल से सर ऊंचा उठाकर विरोध करो और उसे दूर करने की जी-जान से कोशिश करो। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने हमें हर तरह के अन्याय से मुकाबला करना सिखाया है। उन्होंने तत्कालीन समस्याओें के खिलाफ संघर्ष किया था। हमें आज जातिवाद, क्षेत्रवाद, सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष करना होगा। गोष्ठी को संबोधित करते हुए ग्वालियर से आई कार्यक्रम की मुख्य वक्ता श्रुति शिवहरे ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के विचार आज भी प्रासंगिक है। आमजन मानस को उनसे प्रेरणा लेकर एक बेहतर इंसान बनने की जरूरत है, ताकि वे समाज व देश के विकास में योगदान दे सके। गोष्ठी की अध्यक्षता मोहन जोशी ने की। गोष्ठी में अजयसिंह, शुभम लोधी, राठौरजी, धन कुंवर, विजय आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। संचालन वाणी जाधव व राजुल श्रीवास्तव ने किया। आभार फरीद कुरैशी ने माना।
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