चाय-नाश्ते के साथ रात्रि विश्राम में भोजन की करते हैं व्यवस्था
भौंरासा (मनोज शुक्ला)। रामदेवरा जाने वाले यात्री पैदल ही हजार किमी से अधिक की दूरी तय करने के बाद बाबा के दरबार में पहुंचते हैं। अधिकतर लोग पैदल ही रामदेवरा जाते हैं।
सावन मास में लोग इस यात्रा को करते हैं और इनकी सेवा के लिए जगह-जगह भंडारे के पांडाल लगे होते हैं। ऐसे ही भंडारे का पंडाल भौंरासा क्षेत्र के काकड़ादा फाटे के पास कई वर्षों से लगाए जा रहे हैं। इन राम रसोड़े के माध्यम से हजारों यात्रियों की भूख प्यास मिटाई जा रही है। एक तरीके से कहे तो इन लोगों ने नर सेवा ही नारायण सेवा के माध्यम से सेवा का एक रास्ता खोजा है।
बाबा रामदेवरा जाने वाले यात्रियों की सेवा यह लोग कर रहे हैं। काकड़ादा फाटे के समीप लगे राम रसोड़ा में ग्राम बोलासाखुर्द, पिपलिया, जंगीपुर के भंडारे में मुख्य रूप से अपनी सेवा 24 घंटे देते हैं।
ठाकुर बाबूसिंह पटेल खुर्दपिपलिया ने बताया इसका आयोजन लगातार 10 वर्ष से किया जा रहा है। यहां आने वाले भक्तों की हम बड़े प्रेम से आव भगत करते हैं। चाय-नाश्ता के साथ जो भक्त रात्रि में विश्राम के लिए रुकते हैं, उनके लिए भोजन में दाल बाटी बनाते हैं। रात्रि विश्राम के लिए बिस्तर और पंखे की सुविधा भी कर रखी है। यह सब लोग भादवा बीज को बाबा रामदेवरा पहुंचेंगे और वहां दर्शन करेंगे।
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