देवास। आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किये जा रहे उत्पाद के विक्रय एवं व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए देवास में मल्हार स्मृति मंदिर परिसर में 22 सितंबर तक “आजीविका उत्पाद विक्रय मेला” का आयोजन किया जा रहा है। “आजीविका उत्पाद विक्रय मेला” का शुभारम्भ गत दिवस हुआ। मेले का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष लीला भेरूलाल अटारिया एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हिमांशु प्रजापति सहित अन्य अतिथियों द्वारा किया गया।
डीपीएम एनआरएलएम शीला शुक्ला ने बताया कि आजीविका उत्पाद विक्रय मेला” में विकासखण्ड टोंकखुर्द के ग्राम कलमा की भजन मंडली मेले का प्रमुख आकर्षण रही। शारदा स्व सहायता समूह की दुर्गा परमार एवं अन्य सदस्यों के परिजनों की भजन मंडली में भजन गायक महंत नानूराम खकवाणा एवं सहयोगी साथियों द्वारा अत्यंत सुंदर गणपति वंदना सहित भजनों की प्रस्तति दी। सितंबर से प्रारंभ हुये पोषण पखवाड़े के तहत घरेलू उपलब्ध अनाज के स्वादिष्ट व्यंजन आलू का हलवा, बाजरे की मिठी, पुड़ी व मक्के का खमण, मुख्य अतिथियों ने इन व्यंजन का स्वाद लिया और गुणवत्ता की तारीफ की। स्वीप गतिविधि आने वाले विधानसभा निर्वाचन को देखते हुये स्वीप अंतर्गत सेल्फी प्वाइंट एवं ईवीएम मशीन भी आकर्षण का केंद्र रही।
डीपीएम एनआरएलएम ने बताया कि मेले में कन्नौद से मिट्टी के बर्तन तो टोंकखुर्द की चाय, राजोदा और बांगर से आटा अचार, सोनकच्छ के पापड़, खातेगांव से वाशिंग पावडर, साबुन और एलईडी बल्ब वहीं खटांबा की सीरिज और गुर्जर बाप्चा से रेडिमेड वस्त्र, टोंकखुर्द से सुंदर चुढी और कंगन तो देवास और टोंक से हाथ की झाडू़, इसके साथ ही कपड़े के बैग, लेदर बैग, लेदर पर्स, बांस का सामान, आर्टीफिशियल ज्वेलरी, सॉफ्ट टाय आदि इस मेले में बिक्री के लिये उपलब्ध है।
प्रदेश सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के विभिन्न प्रयास लगातार कर रही हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह अभिनव प्रयास देवास में पहली बार किया जा रहा है। महिलायें अपने स्तर पर विभिन्न उत्पाद तैयार करती हैं और आपस में ही उनकी खरीदी बिक्री करती हें, लेकिन इतना उनके लिये पर्याप्त नहीं है, ये सब हाथ से तैयार सामान है और आमजन को भी उनके सामान खरीद कर उन्हें सहयोग करना चाहिये। यह मेला भी इसी उद्देश्य के तहत आयोजित किया जा रहा है।
आजीविका मिशन के राज्य स्तर से लगातार प्राप्त सहयोग से जिले में स्व सहायता समूह की बहनों को विभिन्न उत्पाद तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनके व्यापक प्रचार प्रसार के लिए जिले में व जिले के बाहर तथा राज्य के बाहर स्थानीय मेलों या हाट बाजारों में सामग्री विक्रय कर इनको सशक्त करने के प्रयास किये गये हैं। भविष्य में भी लगातार इस प्रकार से इन स्व सहायता समूहों को सहयोग किया जाता रहेगा।
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