– नाला पार करते समय एक युवक की मौत, 2 को ग्रामीणों ने बचाया
– पुल नहीं बनने पर पीलिया खाल से ट्यूब से पार कर रहे लोग, जान का खतरा बरकरार
सोनकच्छ (अंकित जाजू)। क्षेत्र में इन दिनों बारिश का क्रम जारी है। सोनकच्छ की मां कालीसिंध नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया। नदी के ऊपरी व क्षेत्र में भारी वर्षा की वजह से नदी उफान पर है।
बस स्टैंड के समीप पुराने इंदौर-भोपाल हाईवे का पुराना पुल जलमग्न हो गया। साथ ही नदी के किनारे स्थित दुकानों में भी पानी भर गया। इस मानसून सत्र की सबसे ज्यादा वर्षा गत 24 घंटे में ही हो गई। सोनकच्छ क्षेत्र के आसपास के कई गावों की छोटी-छोटी पुलिया भी जलमग्न हो गई। इधर सोनकच्छ से ग्राम जलेरिया जाने वाले मार्ग पर आने वाली पीलिया खाल रात्रि से ही बंद है। नगर की कई निचली बस्तियों में भी पानी भर गया। कालीसिंध नदी में आई बाढ़ को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग नदी किनारे पहुंचे व मोबाइल में सेल्फी ली। इधर नदी के पानी के तेज बहाव में लोग जाकर लकड़ी निकालकर जान जोखिम में डाल रहे थे। वहीं ग्राम जामोदी में शुक्रवार रात 10 बजे नाला पार करने के दौरान 3 युवक बह गए। उस समय नाला उफान पर था, जिसमें से दो युवकों को ग्रामीणों ने बचा लिया, जबकि अरविन्द उर्फ विकास पिता इंदरसिंह बागरी 20 वर्ष को नहीं बचाया जा सका। युवक की डूबने से मौत हो गई। मृतक का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार किया। मृतक के परिजनों को पूर्व मंत्री व विधायक सज्जनसिंह वर्मा द्वारा 10 हजार की आर्थिक सहायता दी गई है।
कालीसिंध में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखने व सुरक्षा की दृष्टि से कलेक्टर ऋषव गुप्ता व एसपी संपत उपाध्याय कालीसिंध नदी के किनारे पहुंचे। उन्होंने तहसीलदार अंजली गुप्ता को निर्देशित किया कि, जलस्तर बढ़ने पर स्कूलों को खाली रखा जाएं व निचली बस्तियों के रहवासियों को उसमें ठहरने के माकूल इंतजाम किए जाए। साथ ही कोई अप्रिय घटना न हो इसके भी इंतजाम किए जाए। सोनकच्छ भू अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी अनुसार क्षेत्र में बीते 24 घंटे में 273 मिमी (10.92 इंच) वर्षा दर्ज की गई। इस वर्ष अब तक 1178 मिमी (46.72इंच) वर्षा दर्ज की गई। गत वर्ष अब तक 1733 मिमी (69.32) इंच वर्षा ही दर्ज की गई थी।
इधर जिला प्रशासन को बारिश का अलर्ट होने के बावजूद उन्होंने स्कूलों में अवकाश घोषित नहीं किया। अवकाश नहीं होने से विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दोपहर 2 बजे तक पानी गिरता रहा इसके बाद शाम तक मौसम खुला रहा।
नगर को 10 गांवों व हाटपिपल्या तहसील से जोड़ने वाले पीलिया खाल में जरा सी बारिश के कारण छोटी पुलिया होने के चलते उफान पर आ जाती है। ऐसे में ग्रामीण कई बार अपनी जान खतरे में डालकर ट्यूब की मदद से खाल पर करने को मजबूर हैं। इसके पहले भी आकस्मिक चिकित्सा को लेकर लोगों ने कई बार जान जोखिम में डाली है। इस पुलिया के कारण तहसील का संपर्क थोड़ी सी बारिश में ही टूट जाता है। ऐसे में लोगों ने कई बार शासन-प्रशासन को सूचित किया, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। ऐसे में गाड़ियों के ट्यूब से लोगों को रास्ता पर करना पड़ रहा है। ऐसे में कालीसिंध नदी के बेकवाटर का पानी होने के कारण पुलिया पर पानी भरा हुआ है।
जलमग्न हुई निचली बस्तियां –
पानी की उचित निकासी व रोड़ के आसपास नालियों का निर्माण ना होने के कारण वार्ड नं. 14 में पीरजामुन वाले रास्ते पर पानी भर गया। इसके साथ ही रेस्ट हाउस के सामने मकानों में नए रोड़ बनने के कारण नाली निर्माण नहीं हो पाई, जिसके कारण रहवासियों को रात पानी में ही काटनी पड़ी।
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