मनोकामना पूर्ण होने पर मनकामेश्वर भोमियाजी सरकार का गंगाजल से किया रुद्राभिषेक
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। क्षेत्र के प्रसिद्ध मनकामनेश्वर मंदिर में सावन माह शनिवार को प्रदोष के चलते इंदौर से आए यजमान संजय गोयल धर्मपत्नी सविता गोयल ने भोमियाजी का रुद्राभिषेक किया।
अभिषेक के दौरान मनकामनेश्वर भोमियाजी हनुमानजी का आकर्षक श्रृंगार किया गया। इसके पूर्व देवी स्थापना हेतु केल के पत्ते पर प्रतीक रूप से देवी स्थापना कर पहले देवी को आमंत्रित किया गया, फिर विधि विधान से हनुमानजी का अभिषेक किया गया।
मंदिर के पुजारी विद्याधर वैष्णव ने बताया, कि सावन माह में शनि प्रदोष होने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सभी दुखों को दूर करके सुख, शांति, समृद्धि प्रदान करते हैं। वहीं जो लोग संतानहीन हैं, उनको विशेषकर शनि प्रदोष व्रत कर भगवान शिव की कृपा से संतान की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत में करें शिव पूजा का महाउपाय-
यदि आप चाहते हैं, कि आपको प्रदोष व्रत का पूरा फल मिले और आपके जीवन से जुड़े सभी कष्ट पलक झपकते दूर हो जाएं तो आपको प्रदोष व्रत वाले दिन भगवान शिव की प्रदोष काल में विधि-विधान से पूजा करते हुए महादेव को मनाने का महा उपाय भी करना चाहिए।
मान्यता है, कि यदि कोई व्यक्ति शिव की पूजा में उनकी प्रिय वस्तुएं जैसे रुद्राक्ष, शमी पत्र, बेलपत्र, भस्म, गंगाजल और भांग चढ़ाता है तो उस पर शीघ्र ही भोलेनाथ की कृपा बरसती है। शिवजी की पूजा में इन चीजों को चढ़ाने के साथ शिव साधक को रुद्राक्ष की माला से शिव के पंचाक्षरी मंत्र का कम से कम एक माला जप जरूर करना चाहिए।
श्रद्धालुओं ने बताया यहां पर अभिषेक करने से मन को शांति मिलती है। क्षेत्र में सुख शांति बनी रहती है।
पं. अभिषेक जोशी विद्याधर वैष्णव, गोपाल शर्मा, 11 बटुक ब्राह्मणों द्वारा मनकामनेश्वर हनुमानजी सरकार का पंचामृत पूजन रुद्राभिषेक किया।
मनकामनेश्वर भोमियाजी प्रतिमा से पानी बहकर समीप राजगढ़ की नदी में भेरू महाराज तक अभिषेक का जल पहुंचने पर अभिषेक पूर्ण हुआ। आरती के बाद भोजन प्रसादी ग्रहण की गई।
इस अवसर पर एडवोकेट सूर्यप्रकाश गुप्ता, प्रहलाद गुप्ता, धर्मपत्नी शांति गुप्ता दिलीप गुप्ता, मयंक गुप्ता, सेवानिवृत्त फौजी जय गोस्वामी, भाजपा मंडल उपाध्यक्ष एडवोकेट गोविंद यादव, भाजपा नेता जुगल पाटीदार, पूर्व सरपंच रामचंद्र दांगी, कंचनसिंह दांगी, महेंद्र दांगी आदि इंदौर, हाटपीपल्या, देवास, बेहरी, बागली, चापड़ा, भमोरी, नयापुरा, छतरपुरा सहित अन्य स्थानों के कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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