कीचड़ होने पर वाहन नहीं पहुंच सके तो ग्रामीणों की मदद से बिजली कंपनी ने बदले तार
-पद्मावती नदी के दोनों छोर पर 700 फीट के कंडक्टर नए लगाए
इंदौर। मप्र पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी ने पिछले सप्ताह आई बाढ़ के कारण झाबुआ जिले में पद्मावती नदी के पास क्षतिग्रस्त तारों को बहुत ही सूझबूझ और मेहनत से कार्य कर बदला है। भारी कीचड़ होने से जहां ट्रैक्टर भी नहीं चल सकता था, वहां 20 कर्मचारियों ने ग्रामीणों का सहयोग लिया। बहते पानी में बिजली कर्मचारी खड़े रहे और कंडक्टर (तार) नए लगाकर बिजली मौसमी कारणों से सामने आई समस्या का समाधान कर दिया।
मप्र पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के झाबुआ अधीक्षण यंत्री डीएस चौहान ने बताया कि प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त लाइन, ट्रांसफार्मर आदि के कार्य इसी सप्ताह करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में झाबुआ डिविजन के कार्मिकों ने थांदला तहसील के उमरदड़ा गांव के समीप पद्मावती नदी के दोनों छोर पर कार्य कर गुरूवार को अथक परिश्रम कर 700 फीट के तार चुनौतीपूर्ण परिश्रम कर बदले है। अधीक्षण यंत्री ने बताया कि इसके लिए बिजली कंपनी के दो वाहनों का उपयोग कर झाबुआ से ढाई क्विंटल वजन के कंडक्टर मौके के पास ले जाए गए। इसके बाद ग्रामीणों के मदद से नदी के तट तक कंडक्टर ले जाए गए। नदी के पास भारी कीचड़ होने के कारण ट्रैक्टर भी नहीं पहुंच पा रहा था। इस कारण बिजली कंपनी के दो इंजीनियरों समत 20 कर्मचारियों के साथ ही करीब 20 ग्रामीणों की मदद से तार नदी के दोनों ओर ले जाने कार्य भी किया गया। श्री चौहान ने बताया कि यह कठिन कार्य गुरूवार को चार घंटे में पूर्ण किया गया। नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक कंडक्टर पहुंचाने के लिए एक साथ बीस लोगों को तार पकड़ कर खड़े रहना पड़ा। करीब दस लोग चार फीट पानी में रहे, ताकि यह महत्वपूर्ण कार्य समय पर हो सके। चार घंटे की मेहनत के बाद इस कार्य में सफलता मिली और बारिश के दौरान आई समस्या का स्थाई समाधान हो गया। बिजली कंपनी के इंदौर क्षेत्र के मुख्य अभियंता एसआर बमनके ने भी इस कार्य की प्रशंसा की है।