आविष्कारों को सुरक्षित करना ही बौद्धिक संपदा अधिकार कहलाता है- डॉ. राणा
कृष्णाजीराव पवार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित की बौद्धिक संपदा अधिकार पर राष्ट्रीय कार्यशाला
देवास। श्री कृष्णाजीराव पवार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग तथा आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में उच्च शिक्षा विभाग गुणवत्ता उन्नयन प्रकोष्ठ अंतर्गत बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष मनीष पारीख तथा विशेष अतिथि सांसद प्रतिनिधि नयन कानूनगो थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बीएस जाधव ने की।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. एसपीएस राणा, विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजयकुमार चौहान, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के प्राध्यापक डॉ. सूफिया अहमद थे। कार्यक्रम के संयोजक डॉ आरती वाजपेयी, डॉ विवेक अवस्थी, डॉ जेनब शहनाज, डॉ आशिया अहमद तथा समन्वय डॉ संजय गाड़गे ने किया। डॉ राणा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मनुष्य एक चिंतनशील प्राणी है तथा वह अपनी बुद्धि और विवेक से नित नए अाविष्कार और रचनाओं को जन्म देता है। इन अाविष्कारों पर उसका पूरा अधिकार होता है। इन आविष्कारों को सुरक्षित करना ही बौद्धिक संपदा अधिकार कहलाता है। डॉ. चौहान ने अपने उद्बोधन में बौद्धिक संपदा अधिकार के संबंध में बताते हुए संयुक्त राष्ट्र के अभिकरण विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के बारे में बताया। उन्होंने संविधान में निहित विभिन्न बौद्धिक संपदा अधिकार एवं अधिनियमों के बारे में चर्चा की।
कार्यशाला में ऑनलाइन माध्यम से लखनऊ विश्वविद्यालय से डॉ सूफिया अहमद ने सभी को संबोधित किया। डॉ अहमद ने किताबों, चित्रकला, मूर्तिकला, सिनेमा, संगीत, कम्प्यूटर प्रोग्राम, डेटाबेस, विज्ञापन, मानचित्र, तकनीकी चित्रांकन प्लेगेरिज्म आदि के बारे में जानकारी दी। डॉ अहमद ने कॉपीराइट और पेटेंट के संबंध में भारतीय संविधान में निहित विभिन्न अधिनियमों तथा न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय को उल्लेखित करते हुए संबोधित किया। कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. विद्या माहेश्वरी, डॉ रश्मि ठाकुर, डॉ ममता झाला, डॉ दीप्ति धवले, डॉ भारती कियावत, डॉ जरीना लोहावाला, डॉ गुरनानी, डॉ सीमा सोनी, डॉ आरके मराठा, संग्रामसिंह साठे, डॉ लता धूपकरिया, नीरज जैन, डॉ सत्यम सोनी, डॉ मधुकर ठोमरे, डॉ श्यामसुंदर चौधरी, इको क्लब प्रभारी प्रोफेसर जितेंद्रसिंह राजपूत, डॉ माया ठाकुर, डॉ मोनिका वैष्णव, डॉ कैलाश यादव, डॉ लोकेश कुमार तथा देश-प्रदेश के विभिन्न शोधार्थी प्राध्यापक ऑनलाइन माध्यम से कार्यशाला में सम्मिलित हुए। आभार अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसपी एस राणा ने माना।