शिक्षास्वास्थ्य

अब शिक्षकाें की भूमिका पेरेंट्स व मित्र के समान भी होगी

– शासकीय स्कूलों में विश्व स्वास्थ्य संगठन के 10 जीवन कौशल की शिक्षा नवीन सत्र में देंगे शिक्षक
– जीवन के उतार-चढ़ाव एवं शारीरिक-मानसिक बदलाव में सामंजस्य बैठाने में करेंगे विद्यार्थियों को सहयोग
– शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से देवास में उमंग जीवन कौशल पर आधारित चार दिवसीय प्रशिक्षण ले रहे 160 शिक्षक
देवास। पढ़ाने के साथ-साथ अब शिक्षकों की भूमिका पेरेंट्स व मित्र के समान भी होगी, क्योंकि शिक्षक अपने विद्यार्थियों को जीवन के उतार-चढ़ाव एवं शारीरिक-मानसिक बदलाव के दौरान सामंजस्य बैठाने की शिक्षा स्कूल में भी देंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जीवन जीने के 10 कौशल निर्धारित किए हैं। ये कौशल नवीन शिक्षा सत्र में हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों के विद्यार्थियों में विकसित किए जाएंगे। विद्यार्थी जीवन कौशल की शिक्षा लेकर भविष्य में पारिवारिक व सामाजिक जिम्मेदारी को बखूबी संभाल सकेंगे।
उमंग स्कूल हेल्थ एवं वैलनेस कार्यक्रम के अंतर्गत जीवन कौशल शिक्षा के दौरान तनाव का सामना, भावनाओं का प्रबंधन, स्व जागरूकता, समानुभूति, संवाद कौशल, रचनात्मक चिंतन, समस्या समाधान, निर्णय लेना जैसे विषयों पर शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षित करेंगे। शिक्षक किस प्रकार से विद्यार्थियों को शिक्षित करेंगे, इसे लेकर स्कूल शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से शिक्षकों की चार दिवसीय ट्रेनिंग देवास के होटल रामाश्रय में प्रारंभ हो चुकी है। ट्रेनिंग के दूसरे दिन गुरुवार को देवास, टोंकखुर्द एवं सोनकच्छ ब्लॉक के 160 शिक्षकों ने जीवन कौशल से संबंधित प्रशिक्षण हासिल किया। इन्हें आठ मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित कर रहे हैं।

शिक्षक स्वयं को अपडेट करें-
गुरुवार को सहायक जिला परियोजना समन्वयक ओपी दुबे ने भी शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने विद्यार्थियों की मनोभावना को समझाते हुए कहा कि शिक्षक जब भी कक्षा में पढ़ाने जाए वह अपने विद्यार्थियों को नाम से पुकारे, सभी विद्यार्थियों के नाम उसे याद होना चाहिए। शिक्षक अपने आप को अपडेट करें, हम अपडेट होंगे तो विद्यार्थी भी अपडेट होंगे। हमारे पास विभिन्न प्रकार के संसाधन है, जिसका हमें उपयोग करना चाहिए।

नाटक व अन्य गतिविधियां की-
ट्रेनिंग के दौरान अलग-अलग समूह बनाए गए हैं। इनमें शिक्षक अभिनय के माध्यम से जीवन कौशल के बारे में संवाद कर रहे हैं। इन्हें जीवन कौशल शिक्षा मार्गदर्शिका दी गई है। इनमें विभिन्न विषयों पर कहानियों के माध्यम से विद्यार्थियों के मनोभावों को समझाया गया है। कहानियों की शब्दावली रोचक और पठनीय है। ट्रेनिंग ले रहे शिक्षक इन्हीं कहानियों के पात्र बनकर नाटक का प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां ट्रेनिंग लेने के बाद शिक्षक अपनी कक्षा में विद्यार्थियों को जीवन जीने का तरीके समझाएंगे।
सकारात्मक बदलाव होगा-
मास्टर ट्रेनर राजेंद्र वर्मा का कहना है कि हाईस्कूल-हायर सेकंडरी में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों में शारीरिक व मानसिक बदलाव होते हैं। इस दौर में किशोरों व किशोरियों को समझने व समझाने की बहुत आवश्यकता होती है। यहां शिक्षकों को जो ट्रेनिंग दी जा रही है, वह विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का कार्य कर सकती है। यहां सुबह नौ से शाम पांच बजे तक अलग-अलग सत्रों में शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

काउंसलर करेंगे मदद-

किशोर-किशोरियों को मदद के लिए उमंग किशोर हेल्पलाइन प्रारंभ की गई है। इसका नंबर 14425 है। इसमें कॉल करते ही काउंसलर मदद करेंगे। मानसिक परेशानी के दौर में किशोरों के लिए यह हेल्पलाइन बहुत सहायक हो सकती है।

ये हैं मास्टर ट्रेनर-
राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर राजेंद्र वर्मा, नैना पाठक, मनोज दुबे, विनोदसिंह नामदेव, रेखा चौधरी, टीना कौशल, अर्चना मंडलोई, लीना मिश्रा।

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